अमरनाथ झा
अमरनाथ झा (25 फ़रवरी 1897 – 2 सितम्बर 1955) भारत के शिक्षाविद थे। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे। वे गंगानाथ झा के पुत्र थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया।
वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्माननीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनाने के लिए उन्होने बहुमूल्य योगदान दिया था। हिन्दी को राजभाषा बनाने के प्रश्न पर विचार करने के लिए जो आयोग बनाया था, उसके एक सदस्य डॉ. अमरनाथ झा भी थे। वे हिन्दी के समर्थक थे और खिचड़ी भाषा उन्हें स्वीकर नहीं थी।
आदित्य नाथ झा
आदित्य नाथ झा (18 अगस्त 1911 – 1972) भारतीय सिविल सेवा में कार्यरत अधिकारी थें। भारत में सिविल सेवा के लिए 1972 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वह आईसीएस के 1936 बैच के थें
झा सर गंगानाथ झा के पुत्र एवम श्री [[अमरनाथ झा] के भाई थे और अंग्रेजी तथा संस्कृत का विद्वान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थें। कैम्ब्रिज के जीसस कॉलेज में शिक्षित होकर, उन्होंने 16 सितंबर 1936 को भारतीय सिविल सेवा में प्रवेश किया और नवंबर 1939 में भारतीय राजनीतिक सेवा में स्थानांतरित होने से पहले एक सहायक मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में संयुक्त प्रांत में सेवा की। स्वतंत्रता के समय, वह पूर्वी रियासतों के निवासी सचिव थें
स्वतंत्रता के बाद, झा ने राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी के पहले निदेशक के रूप में कार्य किया।