मैथिल ब्राह्मणों की पंजी व्यवस्था एवं मूल
जातीय पवित्रता बनाए रखने हेतु मैथिल ब्राह्मण वंश में विद्वान पण्डितों द्वारा प्रत्येक परिवार की वंशोत्पत्ति एवं वंश का अन्य विवरण को पीढ़ी दर पीढ़ी व्यवस्थित रखने को पंजी व्यवस्था कहते हैं। (*) महाराज हरीसिंह जी द्वारा स्थापित (*) व महाराज कामेश्वर सिंह द्वारा व्यवस्थित करके यह व्यवस्था मिथिला, बृज क्षेत्र (आगरा, अलीगढ़, मथुरा, आंशिक एटा, बुलन्दशहर, हाथरस), लखनऊ, दिल्ली, कानपुर, जयपुर, अजमेर, दोहद और जोधपुर आदि क्षेत्रों में व्यवस्थित चल रही है।
(*)—-(अधिक जानकारी के लिए )